भोपाल मध्यप्रदेश में अब सीधे जनता ही मेयर और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव करेगी। शिवराज कैबिनेट ने एक साल पहले कमलनाथ सरकार के वक्त लिए गए फैसले को पलट दिया है। कमलनाथ चाहते थे कि पार्षद मिलकर मेयर या पालिका अध्यक्ष चुनें। इसके पीछे तर्क दिया था कि यही लोकतांत्रिक तरीका है। देश के प्रधानमंत्री और प्रदेशों में मुख्यमंत्री भी विधायक-सांसद मिलकर चुनते हैं। शिवराज सरकार चाहती है कि जनता ही चुने, इससे विकास तेजी से होता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण आपसी समझौते के आधार पर करने का फैसला भी लिया गया।
टोल से 160 करोड़ का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद
कोरोना
महामारी के चलते सरकार के खाली खजाने को भरने के लिए 13 स्टेट हाईवे पर
टोल टैक्स वसूला जाएगा। PWD के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई
है। इन सड़कों से जो टैक्स मिलेगा, उसे हाईवे के मेंटेनेंस में इस्तेमाल
किया जाएगा। इससे सरकार को करीब 160 करोड़ रुपए रेवेन्यू मिलने की उम्मीद
है। इसके अलावा शिवपुरी झील के संरक्षण के लिए 19.55 करोड़ रुपए मंजूर किए
गए हैं।
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट: अब समझौते से होगा जमीन अधिग्रहण
मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने के लिए के नए नियमों को कैबिनेट ने मंजूरी दी। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण आपसी समझौते के आधार पर करने का फैसला लिया है। मेट्रो के रूट में कहीं झुग्गी बस्ती आती है तो वहां के लोगों को रहने की व्यवस्था की जाएगी और मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी भी बनाई है।
शिवराज से कहा - हर सोमवार को विभाग की समीक्षा करें मंत्री
बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि हर सोमवार को विभाग की समीक्षा करें। साथ ही कहा कि मंत्री अफसरों के साथ मीटिंग कर रेवेन्यू बढ़ाने पर फोकस करें। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश अभियान की लगातार समीक्षा करें और इसके लिए सुझाव भी दें।
ग्वालियर व ओरछा का यूनेस्को की ग्लोबल रिकमेंडेशन योजना में चयन
ग्वालियर और ओरछा का चयन यूनेस्को की ग्लोबल रिकमेंडेशन योजना में किया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि ग्वालियर और ओरछा शहरों का यूनेस्को की ग्लोबल रिकमेंडेशन योजना के तहत चयन किया गया है। यहां की पुरातत्व संपदा को अंतरराष्ट्रीय महत्व का माना गया है। हमें अब इन दो शहरों का ऐतिहासिक एवं पुरातत्व संपदा की दृष्टि से संरक्षण एवं विकास करना है। बता दें कि भारत में इससे पूर्व केवल दो शहर वाराणसी और अजमेर पुष्कर इस कार्यक्रम के तहत चिन्हित किए गए थे।
इमरती देवी भी मीटिंग में शामिल हो गईं
कैबिनेट की बैठक दोपहर 12 बजे मंत्रालय में जैसे ही शुरू हुई, इसके थोड़ी देर बाद ही इमरती देवी मीटिंग रूम में जुड़ गईं। उप चुनाव हारने के बाद इमरती देवी मंत्री पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ जब कोई पूर्व मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल हुआ। इस बैठक में मंत्री वीडियाे कान्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।।